फोन से वायरस कैसे हटाए- Phone Se Virus Kaise Hataye


How to Delete Virus from Mobile-Mobile se Virus Kaise Nikale आज हमारे लिए एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण प्रसन्न है, क्योंकि आज के समय में स्मार्टफोन युस करने वालो की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ती जा रही है और स्मार्टफोन ने लोगो का जीवन बहुत ही सहज बना दिया है। जिसकी वजह से हम अपने बहुत सारे पर्सनल और बहुमूल्य जानकारिया फ़ोन में ही सेव कर के रखते हैं। उदहारण के लिए हम अपने बैंक अकाउंट डिटेल्स को ले सकते हैं। इसी कारन वष हमारे दिमाग में प्रश्न्न चलता रहता है कि हमारे फ़ोन में कोई मोबाइल वायरस-Mobile Virus ना आ जाये? तो दोस्तों घबराने की कोई बात नहीं क्युकिं हम अपने इस लेख में आपको फोन से वायरस कैसे हटाए-Phone Se Virus Kaise Hataye की जानकारी देने जा रहे हैं।


बहुत सारे लोग तो ये भी सोचते होंगे की आखिर ये मोबाइल वायरस-Mobile Virus है क्या? और ये हमें और हमारे फ़ोन को कैसे हानि पहुंचा सकता है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर ये मोबाइल वायरस-Mobile Virus किसे कहते हैं और साथ ही साथ हम आपको ये भी बताएँगे की कैसे अपने फोन से वायरस हटाए-Phone Se Virus Kaise Hataye या अपने मोबाइल को वायरस इन्फेक्टेड होने से कैसे बचाएँ।

Mobile se Virus Kaise Nikale सिखने से पहले हमें ये ज़रूर पता होना चाहिए की Virus Kya Hai तो चलिए जानते हैं Mobile Phone Virus के बारे में।

What is Mobile Phone Virus? – मोबाइल वायरस क्या है?

पहला ज्ञात मोबाइल वायरस, “टिमोफोनिका” स्पेन में पाया गया था और जून 2000 में रूस और फिनलैंड में एंटीवायरस लैब्स द्वारा इसकी पहचान की गई थी।  मोबाइल फ़ोन वायरस एक “malicious computer program” है जो की सेलुलर फ़ोन और वायरलेस PDAs को संक्रमित करने की कोसिस करता है। एक बार अगर मोबाइल फ़ोन संक्रमित हो जाता है तो वह खुद मैसेज और ईमेल की सहयता से यह वायरस फ़ैलाने की कोसिस करता है।  कोई भी अनट्रस्टेड साइट से डाउनलोड करने से भी यह वायरस फ़ैल सकता है फिर चाहे आप ऐप डाउनलोड करो या कुछ और।  और मौजूदा समय के स्मार्टफोन ब्लूटूथ और इंटरनेट की योग्यता काफी बढ़ गई है और इसी कारन वश इन वायरस को भी फैलना का मौका बहुत आसानी से मिल जाता है।

Some Dangerous Mobile Phone Virus – कुछ खतरनाक  मोबाइल वायरस

Cabir: यह पहला ज्ञात वायरस है जिसे जून 2004 में पहली बार पहचाना गया था। यह Symbian OS पर काम करता था। यह मोबाइल उपयोगकर्ताओं को 30 मीटर की दूरी के भीतर संक्रमित करने के लिए ब्लूटूथ तकनीक का उपयोग करता था। जब कोई फ़ोन इस वायरस से संक्रमित होता था तो उस फ़ोन में हर बार “caribe” मैसेज प्रदर्शित होता था। जब भी फ़ोन को चालू किया जाता था।Cabir को खतरनाक नहीं माना जाता था क्योंकि वायरस वास्तव में डेटा को नष्ट नहीं कर सकता था।

Commwarrior: 2005 में इसकी पहचान की गई थी। यह वायरस उन सेलफोन्स को संक्रमित करता था जो Symbain series 60 OS के द्वारा चलते थे। यह MMS संदेशों का उपयोग करने वाला पहला वायरस था और ब्लूटूथ के माध्यम से भी फैल सकता था। यह फ़ोन में सेव सारे नम्बरो को एक रेप्लिकेशन भेजता था। जो फ़ोन के बिल को काफी बड़ा देता था।

Trojan-SMS.AndroidOS.FakePlayer.a: अगस्त 2010 में, मोबाइल फोन के लिए पहला ट्रोजन हॉर्स वायरस का पता चला था। जो की Google’s Android OS पर चलने वाले स्मार्टफोन को संक्रमित करता था। यह वायरस प्रारंभ में एक मीडिया प्लेयर की तरह दिखता है परन्तु जब इसे इनस्टॉल किया जाता है तो यह फ़ोन के सारे कॉन्टेक्ट्स को मैसेज भेजना चालू कर देता है। जिस कारन वश मोबाइल फ़ोन युस करने वाले को बहुत ज्यादा बिल का भुगतान करना पड़ता था।

HummingBad: यह 10 लाख से भी ज्यादा Android Operating Systems को संक्रमित कर चूका है। यह सेलफोन वायरस मोबाइल फ़ोन युसकर्ता के निजी डिटेल्स चुरा कर उसे बेच देता था।

How Mobile Phone Can Get a Virus?- मोबाइल में वायरस आते कैसे है? 

  • अविश्वस्त (untrusted) सूत्रों से ऐप इनस्टॉल करना :जब हम Google Playstore (एंड्रॉइड मोबाइल के लिए) को छोड़कर कहीं और से कोई ऐप इनस्टॉल करते हैं तो इस चीज का खतरा काफी बढ़ जाता है। जैसे कि जब हम UC Browser युस करते हैं तो हमें बहुत सारे गेम्स, वीडियोस, न्यूज़ इत्यादि कई सारे ऐप्स के लिंक दिखाई देते है। जिसमे क्लिक करके हम उन ऐप्स को इनस्टॉल कर सके पर वह सारे अविश्वस्त (untrusted) होते है जैसे कि 9Apps तो अगर हम यहाँ से कोई ऐप इंस्टाल करेंगे तो हमारे मोबाइल में वायरस आने के चांसेस काफी बढ़ जायेंगे।  इसमें होता यह है कि यहाँ पर वायरस कुछ जाने पहचाने आइकॉन युस करते हैं जो की काफी भरोसेमंद लगते है और यही देख कर हम उन सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल कर लेते है। लेकिन जैसे ही हम उन्हें इनस्टॉल करते है वह हमारे सिस्टम पर अटैक कर देता है और हमारे मोबाइल फ़ोन को करप्ट कर देतें हैं।
  • एहतियात (Precaution): अगर हमें अपने मोबाइल फ़ोन को वायरस या कोई और “malware” से दूर यानी सुरक्षित रखना है तो हमारे लिए यही बेहतर होगा की हम कोई भी थर्ड पार्टी ऐप इनस्टॉल न करे। इसका मतलब यह है कि किसी अविश्वस्त सूत्र से ऐप इनस्टॉल ना करे। कोई भी ऐप इनस्टॉल करने के लिए हमेसा अपने फ़ोन के प्ले स्टोर का उपयोग करे।
  • संदेहजनक वेबसाइट में डाउनलोड लिंक पे क्लिक करना: यह भी एक तरीका है जिसके जरिये वायरस आपके मोबाइल को संक्रमित कर सकता है। जैसे कि हम आम तौर पर कोई वेबसाइट पर देखते हैं की वीडियो, गाने, मूवी, सॉफ्टवेयर इत्यादि डाउनलोड करने के लिए लिंक दिया हुआ रहता है। जहाँ पर क्लिक कर के हम डाउनलोड कर सकते हैं। एक बार क्लिक करने के बाद यह वायरस एक्टिव हो जायेगा और हमारे फ़ोन की सभी गोपनीय जानकारी को शेयर करने लगेगा।
  • एहतियात (Precaution): जब हम कोई ऐसा साइट विजिट कर रहे है जहाँ हम रेगुलर नहीं है। या जिस साइट के बारे में हमें अच्छी तरह से जानकारी नहीं है। तो हमारे लिए यही बेहतर होगा की हम उस साइट में दिए हुए किसी भी डौन्लोडिंग लिंक पर क्लिक ना करे।  जिससे हम अपने फ़ोन और डाटा को सुरक्षित रख सकते है।
  • ऐप स्टोर से गलत ऐप डाउनलोड करना: तो अगर हम अपने फ़ोन के ऐप स्टोर से भी कोई ऐप इंसटाल कर रहे है तो भी हमें वायरस से संक्रमित होने का खतरा है। अगर हम कोई ऐसा ऐप इंसटाल कर रहे हैं जो की पहले से ही इन्फेक्टेड है, क्युकी लाख कोसिसो के बाद भी ये वायरस हमारे ऐप स्टोर के सुरक्षा कवच को तोड़ कर अंदर घुस जाते हैं।
  • एहतियात (Precaution): तो अगर हमें अपने फ़ोन को वायरस से बचाना है तो हमें इस बात का ध्यान रखना होगा की जब भी हम कोई ऐप उनलोड करेंगे अपने ऐप स्टोर से तो ऐप डाउनलोड करने से पहले हमें ऐप के रिव्यु को अछि तरह पढ़ लेना होगा। अगर हमें ऐप के रिव्यु में कोई डाउट लगे तो हमें उस ऐप को डाउनलोड नहीं करना चाहिए। क्युकी रिव्यु से हमें उन यूज़र का अनुभव जानने को मिलेगा जो की पहले से ही उस ऐप को युस कर चुके है। तो अगर उस ऐप में कोई प्रॉब्लम है तो हमें उनके रिव्यु से पता चल जायेगा।
  • फ़ोन का मेमोरी कार्ड किसी संक्रमित कंप्यूटर में लगाना: ये तो हमें अछि तरह से पता है कि अगर हम ऐसे सोर्स के साथ फाइल ट्रांसफर कर रहे है जो की संक्रमित है। तो वह आसानी से हमारे मोबाइल को भी संक्रमित कर सकता है।
  • एहतियात (Precaution): तो हमारे लिए बेहतर ये रहेगा की जब भी हम किसी के साथ फाइल ट्रांसफर करें तो मोबाइल कनेक्ट करने से पहले हम ये निश्चिंत कर ले की वह पूरी तरह सुरक्षित है और इसके बाद ही मोबाइल कनेक्ट कर के फाइल ट्रांसफर करे।

अगर इन सब एहतियात और सावधानियों के बाद भी आपका मोबाइल किसी “malware” से संक्रमित हो गया है तो चलिए हम आपको बताते हैं How to Delete Virus from Mobile – Mobile se Virus Kaise Nikale

फोन से वायरस कैसे हटाए- Phone Se Virus Kaise Hataye

तरीका 1: Turn on Safe Mode – मोबाइल का सेफ मोड ऑन कर के

Safe Mode में आप वायरस सॉफ्टवेयर को डिलीट कर सकते हैं। हर फ़ोन का सेफ मोड ऑन करने का तरीका थोड़ा अलग होता है हम यहाँ पर आपको उदहारण के लिए Lenevo K3 Note, A7000, A7000 Plus and A7000 Turbo में सेफ्टी मोड कैसे ऑन करते है ये बताने जा रहे हैं। स्टेप वाइज जानिए की कैसे करे Safe Mode ऑन।

  1. मोबाइल स्विच ऑफ करे।
  2. पावर बटन दबाये
  3. फ़ोन स्टार्ट होते वक्त जब “Lenevo” लोगो आपको स्क्रीन पे दिखेगा उसी वक्त आपको “Volume Down” बटन को दबाकर रखना है। जबतक की फ़ोन ऑन ना हो जाये।
  4. फ़ोन चालू होने के बाद आप देखेंगे की फ़ोन के निचे लेफ्ट साइड में “Safe Mode” लिखा हुआ दिखेगा मतलब की सेफ मोड ऑन हो गया है।
  5. Safe Mode से बहार निकलने के लिए फ़ोन को रिस्टार्ट करे।
  • सेफ मोड ऑन होने के बाद आप सेटिंग्स में जायें। और वंहा पर डौन्लोडेड ऐप्स को सेलेक्ट करें।

 

  • यहाँ पर आप सारे ऐप्स को चेक कर सकते हैं। अगर आप को कोई भी ऐप ऐसा लगे जिसे आपने इनस्टॉल नहीं किया है तो उसे डिलीट या फ़ोर्स स्टॉप कर दें।

  • उसके बाद आप Settings → Security → Device Administrators  यहाँ पर आप को एडमिनिस्ट्रेटर स्टेटस के साथ ऐप्स दिखाई देंगे। तो जिस ऐप को आप को हटाना है वहां राइट टिक में क्लिक(untick) करे जिससे आपको एक मैसेज दिखाई देगा जिसमे आपको उस ऐप को Deactivate करने के लिए पूछा जायेगा। वहाँ Deactivate में क्लिक करके आप उस ऐप को डिलीट कर सकते है।

तरीका 2: मोबाइल एंटीवायरस डाउनलोड एवं इनस्टॉल कर के

Mobile ka antivirus इनस्टॉल कर के भी आप अपने मोबाइल फोन से वायरस हटा सकते है। सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि एंटीवायरस क्या है? तो आप ये समझिये की हम इसे virus hatane wala apps-वायरस हटाने का एप्स भी कह सकते हैं जो की मोबाइल फ़ोन से वायरस को निकलने में मदद करता है। आप अपने फ़ोन के ऐप सटोर में जाकर चेक करेंगे तो आप को बहुत सारे अच्छे और फ्री मोबाइल एंटीवायरस मिल जायेंगे। जिन्हे इनस्टॉल करने के बाद स्कैन करके आप अपने फ़ोन को वायरस मुक्त कर सकते है। निचे कुछ चुनिंदा mobile ka antivirus-मोबाइल एंटीवायरस दिए गए हैं। जिसमे से कोई भी एक ऐप आप अपने मोबाइल में इनस्टॉल कर सकते हैं।

  • Kaspersky Antivirus & Security: यह एक फ्री टू डाउनलोड सॉफ्टवेयर है जिसे Kaspersky Lab ने बनाया है। जिसमे बहुत सारे फीचर्स दिए हुए हैं, जो की निम्नलिखित है।
    1. Antivirus Protection: यह ऑटोमेटिकली वायरस और अन्य थ्रेट को ब्लॉक कर देता है। यह डौन्लोडेड ऐप्स को स्कैन कर के वायरस, डेंजरस ऐप्स, लिंक और फाइल्स को ब्लॉक कर देता है। 
    2. Find my phone : इस ऐप की सहायता से आप दूर से ही अपने मोबाइल को ट्रैक करके उसका अलार्म बजा सकते हैं। अपने मोबाइल में स्थित पर्सनल डाटा को आप दूर से ही डिलीट भी कर सकते है और उसे लॉक भी कर सकते है।
    3. Personal data, privacy protection: यह आपको अपनी गोपनीयता बनाये रखने में बहुत लाभदायक है। यह आपके कॉन्टेक्ट्स, फ़ोन कॉल्स, और टेक्स्ट मैसेज को संदेस्पद आँखों से छुपाकर रखने में आपकी सहयता करता है।
    4. Unwanted calls and SMS Blocking: यह आपको ब्लैकलिस्ट के रूप में एक ऐसा साधन प्रदान करता है जिसकी सहयता से आप अनचाहे कॉल्स, मैसेज और स्पैम को ब्लॉक कर सकते है।
    5. Blocking dangerous sites and links during Web surfing : यह आपके ऑनलाइन सर्फिंग को सुरक्षित बनाता है। यह संदेहस्पद लिंक्स को ब्लॉक कर देता है।
  • AVG AntiVirus: यह भी काफी लोकप्रिय एंटीवायरस है। यह भी फ्री में उपलब्ध है। इसे आप अपने ऐप स्टोर से डाउनलोड कर के इनस्टॉल कर सकते है। इसके फीचर्स कुछ इस तरह है।
    1. Protection: इसकी सहायता से आप अपने ऐप, गेम्स, फाइल्स और वेबसाइट को स्कैन कर सकते है। इसमें आपको wifi स्कैनर भी दिया गया है।
    2. Performance: यह आपके फ़ोन के परफॉरमेंस को बेहतर बनाने का काम करता है।  जैसे आपके फ़ोन के स्टोरेज को ऑप्टिमाइज़ करता है। आपके डाटा यूसेज को ट्रैक करता है। और आपके बैटरी पावर को सेव करने में भी आपकी सहायता करता है।
    3. Anti-Theft: यह गूगल मैप को युस करके आपके खोये हुए फ़ोन का पता लगाने में सक्षम है। इससे आप अपने फ़ोन पे रेमॉटली रिंग भी बजा सकते हो। अपने फ़ोन के इंटरनल और एक्सटर्नल स्टोरेज को क्लियर भी कर सकते हैं। इसके प्रीमियम संस्करण में आपको और भी बेहतर ऑप्शन मिलेंगे।
    4. Privacy: इसकी सहायता से हम अपने फोटोज को पासवर्ड देकर प्रोटेक्ट कर सकते है। अपने कॉन्टेक्ट्स, मैसेजेस को भी ब्लॉक कर सकते है। यह हमारे फ़ोन की गोपनीयता को बरक़रार रखता है।
  • 360 Security: इस ऐप को भी आप प्ले स्टोर से आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। इसके कुछ मुख्य सुविधाएं इस प्रकार है।
    1. Junk File Cleaner: यह आप के एंड्रॉइड सिस्टम के अनुपयोगी फाइल्स और Caches फाइल्स को डिलीट कर देता है।  जिसके कारन आपके मोबाइल की स्पीड बरक़रार रहती है।
    2. Intruder Selfie: अगर कोई आपके फ़ोन की गोपनीय जानकारी जानने के कोसिस करते हुए आप के फ़ोन के साथ छेड़-छाड़ करे तो यह  उसी वक्त उसका Selfie ले लेगा वो भी डेट एंड टाइम के साथ।
    3. Fingerprint Lock: इस ऐप में आपको फिंगरप्रिंट सेंसर लॉक मिलेगा जिससे आप आसानी से बिना किसी पासवर्ड के युस कर पाओगे।
  • Clean Master: यह ऐप भी आपको प्ले स्टोर से फ्री में मिल जायेगा। यह एंटीवायरस आपके मोबाइल में मौजूद हर तरह के जंक फाइल को क्लीन कर देगा फिर चाहे वो फोटो जंक, वीडियो जंक, सिस्टम जंक, cache जंक या फिर कुछ और।
  • Mobile Security & Antivirus: इस ऐप में भी आपको वो सारे सुबिधाये मिल जाएँगी जो की ऊपर की ऐप्स में उपलब्ध हैं परन्तु फर्क सिर्फ इतना है की यह ऐप आपको फ्री में नहीं मिलेगा।

ऐसे और भी कई सारे ऐप्स है जिनकी सहायता से आप वायरस स्कैन कर के उन्हें डिलीट कर सकते है। और अपने फ़ोन को सुरक्षित रख सकते है।

तरीका 3: Factory रिसेट कर के  

अगर आप ने ऊपर दिए हुए सभी नुस्खे को आजमा लिया है। परन्तु अभी तक आपकी परेशानी (मोबाइल वायरस) ख़तम नहीं हुई है तो फिर अंततः आपको अपना मोबाइल फैक्ट्री रिसेट करना होगा। इसके लिए आपको अपने मोबाइल सेटिंग्स में जाना होगा। उसके बाद निचे दिए स्टेप्स को फॉलो करें।

Settings  >>Backup & reset  >>Factory data reset  >>Reset  phone

इस तरह आप अपने फ़ोन को फैक्ट्री रिसेट कर सकते हो परन्तु इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है की आपको अपने फ़ोन के डाटा से हाथ धोना पड़ेगा। जो की कोई भी वयक्ति नहीं चाहेगा। इसलिए बेहतर ये होगा की आप एंटीवायरस अपडेटेड रखे और अपने सिस्टम को स्कैन करते रहे। हमें उम्मीद है की यह लेख आपके लिए काफी उपयोगी हो। ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए जुड़े रहे हमारे साथ और फॉलो करे हमारे ब्लॉग को।


धन्यवाद।

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